आज हम आपको ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी के बारे में बताएंगे, जो 12th Fail के रूप में सामने आई है। यह फिल्म न केवल संघर्ष की वास्तविकता को दिखाती है, बल्कि यह भी बताती है कि अगर कोई अपने सपनों को सच्चे मन से प्राप्त करने की ठान ले तो कोई भी मुश्किल उसे रोक नहीं सकती।
फिल्म “12th Fail” की प्रेरणादायक कहानी
फिल्म 12th Fail में हमें एक ऐसी रियल लाइफ कहानी देखने को मिलती है, जो दर्शाती है कि कैसे संघर्षों से गुजरने के बाद भी इंसान अपनी मंजिल तक पहुंच सकता है। यह फिल्म खासतौर पर उन लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो सरकारी नौकरी की तैयारी में कई सालों से लगे हुए हैं और संघर्ष के बावजूद सफलता हासिल नहीं कर पा रहे हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि कोई भी संघर्ष छोटा नहीं होता, और जिन लोगों को सफलता मिलती है, उनके सामने भी कभी न कभी बड़ी कठिनाइयां आई होती हैं।
इस फिल्म की कहानी मनोज कुमार शर्मा की वास्तविक जीवन यात्रा पर आधारित है, जो चंबल के डाकू क्षेत्रों से निकलकर आईपीएस अधिकारी बने। फिल्म में उनके संघर्ष की हर छोटी-बड़ी बातों को दिखाया गया है, जैसे आटा चक्की में काम करना, लाइब्रेरी में समय बिताना, और फिर UPSC की परीक्षा की तैयारी करना।
मनोज कुमार शर्मा का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था, और यही संघर्ष आज उन्हें सफलता की ऊंचाइयों तक ले आया। फिल्म में दिखाए गए सीन बिल्कुल रियल हैं और वे स्थान भी, जहां मनोज कुमार शर्मा ने अपनी कठिनाइयों का सामना किया। फिल्म में दिखाए गए सीन, जैसे कि चंबल के गांव, राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर की कोचिंग, हमें यह समझाने में मदद करते हैं कि असली संघर्ष कहां और किस तरह से होता है।
फिल्म 12th Fail का वास्तविक संबंध
इस फिल्म को लेकर सबसे दिलचस्प बात यह है कि इसके निर्माता, विधु विनोद चोपड़ा, खुद एक लंबे समय तक संघर्षों से जूझते रहे थे। यह फिल्म उन लोगों के लिए एक तोहफा है, जो अपनी स्थिति से निराश हो जाते हैं और अपने सपनों को छोड़ने का विचार करते हैं। फिल्म में दिखाए गए कई असली कैरेक्टर्स, जैसे कि प्रीतम पांडे और गौरी भैया, जो रियल लाइफ में यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे, ने फिल्म को और भी ज्यादा वास्तविक बना दिया।
फिल्म में एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसमें दिखाए गए कुछ सीन रियल लोकेशंस पर फिल्माए गए थे, जैसे चंबल का क्षेत्र, ग्वालियर बस स्टेशन और आगरा के कुछ स्थल। इन स्थानों को चुनने के पीछे एक गहरी सोच थी – फिल्म को रियल बनाना। यही कारण है कि फिल्म को वास्तविकता से जोड़ने के लिए काफी मेहनत की गई थी।
मनोज कुमार शर्मा और अनुराग पाठक की भूमिका
फिल्म 12th Fail की कहानी 2019 में अनुराग पाठक द्वारा लिखे गए नोवेल पर आधारित है, जिसमें मनोज कुमार शर्मा के संघर्षों और सफलता की कहानी को खूबसूरती से पिरोया गया था। अनुराग पाठक ने खुद इस नोवेल को लिखा था, और उन्होंने मनोज कुमार शर्मा के साथ मिलकर काफी समय तक यूपीएससी की तैयारी की थी। फिल्म के प्रीतम पांडे का किरदार भी अनुराग पाठक से प्रेरित था, जिन्होंने मनोज कुमार शर्मा के संघर्ष के दौरान उनका साथ दिया था।
इस फिल्म में जो भी पात्र नजर आते हैं, वे सभी रियल लाइफ में उसी तरह की स्थिति से गुजर चुके हैं। विक्रांत मेसी, जो फिल्म में मनोज कुमार शर्मा का किरदार निभाते हैं, ने इस फिल्म के लिए खुद को पूरी तरह से समर्पित किया। उन्होंने अपनी भूमिका के लिए गांव के माहौल में घंटों बिताए, जिससे उनकी परफॉर्मेंस और भी असली दिखे।
फिल्म के निर्माण का सफर
फिल्म 12th Fail को शुरू करने से पहले, निर्माता विधु विनोद चोपड़ा ने यह सुनिश्चित किया था कि फिल्म पूरी तरह से रियल और ऑथेंटिक हो। इसके लिए, फिल्म के कई सीन वास्तविक स्थानों पर शूट किए गए थे। चंबल क्षेत्र में फिल्म की शूटिंग के दौरान, विक्रांत मेसी ने अपने चेहरे और शरीर को पूरी तरह से धूप में बैठकर काला किया, ताकि उनकी भूमिका के लिए आवश्यक गांव वाले लुक को सही तरीके से प्रस्तुत किया जा सके।
यहां तक कि फिल्म के कुछ सीन, जैसे रेलवे स्टेशन वाला सीन, आगरा के एक पुराने और खंडहर स्टेशन पर फिल्माए गए थे, जिसे पूरी तरह से फिर से बनाया गया था। ऐसे प्रयास दर्शकों को फिल्म के साथ जुड़ने में मदद करते हैं और उनकी यात्रा को और भी खास बनाते हैं।
स्ट्रगल की सच्चाई
12th Fail फिल्म हमें यह समझाती है कि असल में सफलता की राह पर चलते हुए हर किसी को किसी न किसी रूप में संघर्ष करना पड़ता है। चाहे वह 12वीं की परीक्षा हो, यूपीएससी की तैयारी हो, या जीवन के अन्य क्षेत्र, हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। मनोज कुमार शर्मा की कहानी यह बताती है कि संघर्षों के बावजूद अगर हमारी मेहनत सही दिशा में हो, तो कोई भी मुश्किल हमें हमारी मंजिल तक पहुंचने से रोक नहीं सकती।
समाप्ति में यह कहा जा सकता है कि फिल्म 12th Fail केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है उन सभी के लिए जो जीवन में किसी न किसी संघर्ष से गुजर रहे हैं। यह फिल्म हमें बताती है कि “12th Fail” होना कोई बुरी बात नहीं है, बल्कि यह एक नया अध्याय हो सकता है।
निष्कर्ष:
फिल्म “12th फेल” आईएएस और पीसीएस जैसी कठिन परीक्षाओं को सांप-सीढ़ी के खेल के रूप में पेश करती है। यह कहानी एक लड़के की है, जो संघर्षों और गलतियों के बावजूद सफलता पाने की कोशिश करता है। फिल्म का संदेश है कि असफलताओं के बावजूद हार नहीं माननी चाहिए और अपने सपनों का पीछा करना चाहिए।
विक्रांत मेस्सी की शानदार एक्टिंग और मेधा शंकर का सपोर्टिंग रोल फिल्म को और भी मजबूत बनाते हैं। यह फिल्म सिर्फ एक एंटरटेनमेंट नहीं, बल्कि जीवन को बदलने वाली प्रेरणा देती है।
“12th फेल” को देख कर हर दर्शक को लगेगा जैसे वो खुद अपने सपनों की ओर बढ़ रहे हों। यह एक प्रेरणादायक, सच्ची कहानी है जो जिंदगी में संघर्ष कर रहे हर व्यक्ति को सशक्त बनाती है।
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