FATEH MOVIE 2025 REVIEW BY DARKEST NEWS

जब भी सिनेमा की बात होती है, तो कुछ फिल्में और उनके निर्देशक दर्शकों और फिल्म निर्माताओं दोनों को नई दिशा देते हैं। एक समय में एस.एस. राजामौली ने बाहुबली 202के जरिए सिनेमा का पैमाना बदल दिया। फिर प्रशांत नील की केजीएफ ने अपनी स्टाइल और ग्रिट से हर किसी को प्रभावित किया। इसी कड़ी में, अब एक और फिल्म ने दर्शकों का ध्यान खींचा है, और वह है सोनू सूद की FATEH

FATEH: कहानी, स्टाइल, और एक्शन का संगम

सोनू सूद की फिल्म FATEH एक नई और साहसी कोशिश है। जहां आजकल हर कोई अपनी पहली फिल्म में सीधा हीरो बनना चाहता है, सोनू सूद ने अपने करियर की शुरुआत विलन के तौर पर की। लेकिन असल जिंदगी के हीरो बनने के बाद अब उन्होंने फिल्मी पर्दे पर भी अपनी हीरो की छवि को मजबूत किया है।

FATEH MOVIE REVIEWS

FATEH की कहानी ऑनलाइन फेक लोन स्कैम के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में सोनू सूद एक लड़की की तलाश में हैं, लेकिन यही प्लॉट कुछ जगह कमजोर पड़ता है। एक बेहतर कहानी पर फोकस किया गया होता, तो यह फिल्म एक और बड़ा कदम साबित हो सकती थी।

सोनू सूद का प्रदर्शन

सोनू सूद का अभिनय हमेशा दमदार रहता है। FATEH में उनका एक्शन और स्क्रीन प्रजेंस देखने लायक है। उन्होंने इस फिल्म को पूरी मेहनत और ईमानदारी से निभाया है। फिल्म में उनका स्टाइल, उनकी बॉडी लैंग्वेज, और एक्शन सीक्वेंस देखने वालों को रोमांचित करते हैं। हालांकि, कुछ सीक्वेंस “जॉन विक” या “केजीएफ” जैसी फिल्मों की याद दिला सकते हैं, जिससे फिल्म में मौलिकता की कमी महसूस होती है।

FATEH के एक्शन सीक्वेंस

फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष इसका एक्शन है। स्क्रीन पर सोनू सूद का एरिटेड एक्शन जबरदस्त लगता है। हालांकि, कुछ सीक्वेंस थोड़े रैंडम महसूस होते हैं, जैसे कहानी को जोड़ने के लिए जबरदस्ती फिट किया गया हो। फिर भी, कुछ सीन इतने सॉलिड हैं कि दर्शक ताली बजाने पर मजबूर हो जाते हैं।

FATEH MOVIE

सपोर्टिंग कास्ट और म्यूजिक

नसीरुद्दीन शाह जैसे दिग्गज अभिनेता फिल्म में अपनी जगह बनाए रखते हैं, लेकिन उन्हें सीमित स्क्रीन टाइम मिला है। दूसरी ओर, हंशराज जिम्मेदार द्वारा दिया गया म्यूजिक फिल्म के मूड से पूरी तरह मेल नहीं खाता। यह फिल्म का एक कमजोर पहलू है। अगर म्यूजिक में थोड़ी और ऊर्जा और इमोशनल गहराई होती, तो यह फिल्म को और प्रभावी बना सकता था।

FATEH की सकारात्मक और नकारात्मक बातें

पॉजिटिव पॉइंट्स:

  1. सोनू सूद का अभिनय और एक्शन: फिल्म का सबसे बड़ा आकर्षण।
  2. एक्शन सीक्वेंस: कुछ सीक्वेंस वाकई दमदार हैं।
  3. विषय: ऑनलाइन फेक लोन स्कैम पर आधारित कहानी आज के समय से मेल खाती है।

नेगेटिव पॉइंट्स:

  1. कहानी और स्क्रीनप्ले: यह कुछ जगहों पर भटकता हुआ महसूस होता है।
  2. म्यूजिक: म्यूजिक फिल्म की ऊर्जा को बनाए रखने में विफल रहता है।
  3. क्लाइमैक्स: फिल्म में ऐसा कोई हाई प्वाइंट नहीं है जो दर्शकों को याद रह जाए।

FATEH: एक नई शुरुआत

FATEH सोनू सूद की पहली डायरेक्टोरियल फिल्म है, और इस लिहाज से यह एक साहसी कदम है। यह फिल्म पूरी तरह से परफेक्ट नहीं है, लेकिन यह एक अच्छा प्रयास है। सोनू सूद की मेहनत और ईमानदारी पर्दे पर साफ झलकती है।

FATEH सोनू सूद के करियर का एक नया अध्याय है। यह फिल्म एकदम शानदार नहीं है, लेकिन इसे एक बार देखने का अनुभव जरूर लिया जा सकता है। सोनू सूद की मेहनत, लगन और रियल लाइफ की छवि इस फिल्म को खास बनाती है।

“FATEH” – एक फिल्म, कई परतें, और अनमोल सीख

जब बात भारतीय सिनेमा की होती है, तो इसमें ऐसे किरदार और कहानियां होती हैं जो न केवल दर्शकों को मनोरंजन देती हैं बल्कि सोचने पर भी मजबूर करती हैं। ऐसी ही एक फिल्म है “FATEH”, जो हाल ही में सोनू सूद की डायरेक्टोरियल डेब्यू है।

यह फिल्म, एक्शन और ड्रामा का संगम है, जिसमें मुख्य किरदार FATEH, एक पूर्व स्पेशल ऑप्स अधिकारी, अपनी शांतिपूर्ण जिंदगी के बीच अपनी पुरानी ज़िम्मेदारियों को फिर से निभाने पर मजबूर होता है। लेकिन क्या यह फिल्म दर्शकों को वो अनुभव देती है जिसकी वे उम्मीद करते हैं? आइए इसपर गहराई से बात करते हैं।


FATEH का किरदार और उसकी दुनिया

फिल्म की शुरुआत होती है FATEH से, जो एक डार्क पास्ट के साथ अब पंजाब के एक गांव में साधारण जीवन जीने की कोशिश कर रहा है। लेकिन उसकी जिंदगी तब बदल जाती है जब गांव की एक लड़की, निमृत, और उसके कई ग्राहक, मोबाइल ऐप लोन स्कैम का शिकार हो जाते हैं।

निमृत का किरदार शिव ज्योति राजपूत ने निभाया है, जो अपनी सरलता और जुझारू स्वभाव से दर्शकों का दिल जीतती हैं। कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब FATEH के पास अपनी पुरानी ट्रेनिंग का इस्तेमाल करते हुए इन अपराधियों को रोकने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता।


FATEH और उसका एक्शन

फिल्म के प्रमोशन में एक्शन पर खासा जोर दिया गया था। इसके कई सीन सीधे तौर पर जॉन विक से प्रेरित नजर आते हैं। लेकिन यहाँ एक समस्या है।

फतेह का एक्शन, चाहे कितना भी स्टाइलिश हो, वह दर्शकों के दिल में वह डर या उत्साह पैदा नहीं करता। हर सीन में फतेह का चरित्र ऐसा लगता है जैसे उसे कोई नुकसान हो ही नहीं सकता। एक पल में वह आराम से घूमता है और अगले ही पल खून से सना हुआ दिखता है। यह असंगति दर्शकों को बांधने में विफल रहती है।


फतेह की कहानी: एक अनोखा लेकिन अधूरा प्रयास

फिल्म का प्लॉट साइबर क्राइम और टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग के इर्द-गिर्द घूमता है। इसमें मुख्य विलेन नसीरुद्दीन शाह का कैरेक्टर है, जो एक कुटिल और मंझा हुआ खलनायक है।

उनका किरदार टेक्नोलॉजी को हथियार बनाकर लोगों को धोखा देता है। वह एक लाइन में कहता है, “मैंने तो टेक्नोलॉजी दी, लोगों ने अपनी जान खुद ली।” यह लाइन समाज पर गहरी टिप्पणी करती है।

हालांकि, फिल्म का नैरेटिव यहां रुक जाता है। कई बार कहानी ज्यादा परतदार और उलझी हुई लगती है।


FATEH और सहायक कलाकार

फिल्म में जैकलिन फर्नांडीज एक हैकर के रोल में नजर आती हैं। उनके लंबे समय बाद बड़े पर्दे पर वापस आना एक सुखद अनुभव था। लेकिन उनका किरदार उतना प्रभावी नहीं है।

दूसरी ओर, विजयराज अपने हर सीन में जान डाल देते हैं। उनका अभिनय और संवाद अदायगी फिल्म को एक अलग ही स्तर पर ले जाती है।


कमियां: क्यों “FATEH” प्रभावी नहीं बन पाई?

  1. अधूरी कहानी: फिल्म में एक्शन के अलावा कुछ खास नहीं है।
  2. असंगत निर्देशन: कई सीन सिर्फ दिखावे के लिए डाले गए लगते हैं, जो कहानी के प्रवाह को बाधित करते हैं।
  3. कैरेक्टर डेवलपमेंट की कमी: फतेह का किरदार बहुत ज्यादा शक्तिशाली और अजेय लगता है, जिससे दर्शक उससे जुड़ नहीं पाते।

FATEH से सीख

फतेह एक औसत फिल्म है जो अपने एक्शन और थ्रिलर जॉनर में कुछ अलग करने की कोशिश करती है। लेकिन कई जगह वह दर्शकों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरती।

हालांकि, फिल्म में एक महत्वपूर्ण संदेश है: “तकनीक जितनी सहायक हो सकती है, उतनी ही खतरनाक भी।”

निष्कर्ष

FATEH” एक ऐसी फिल्म है जिसे आप सिर्फ एक बार देख सकते हैं। इसके कुछ सीन अच्छे हैं, लेकिन यह फिल्म सिनेमाई जादू पैदा करने में विफल रहती है। अगर आप सोनू सूद के फैन हैं या साइबर क्राइम पर आधारित कहानी देखना पसंद करते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए हो सकती है।

फतेह की कहानी यह सिखाती है कि किसी भी ताकत का इस्तेमाल सोच-समझकर करना चाहिए, चाहे वह टेक्नोलॉजी हो या साहस।

ऐसी ही शानदार पोस्ट के लिए DARKEST NEWS साथ जुड़े रहिए

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